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‘केजरी’ अगर ‘काल’ तो ‘मोदी’ ‘महाकाल’….’पप्पू’ तेरा ‘चप्पू’ थामे खड़ा ‘चाण्डाल’……. (Need Rest…..For The Best….No Contest)

RajRannas@RajDarbar
RajRannas@RajDarbar
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केजरी‘ के संग अगर ‘काल‘ है

तो ‘मोदी‘ के संग ‘महाकाल‘….

पप्पू‘ तेरे संग खड़े,

कई–चाण्डाल……….

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काल‘ कभी किसी–का हुआ नहीं,

अपनी ‘मायाजाल‘ के सहारे

झूठ‘ को सच और

सच‘ को झूठ साबित करने के लिए

जितनी ‘जल्दी‘ वह किसी को

ऊपर ‘आसमान‘ पर ‘चढ़ाता‘ है

तो ‘मतलब‘ पूरा होते–ही

गिराकर‘ उतनी–ही जल्दी

नीचे ‘धरातल‘ पर पटक भी देता है।

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काल‘ कभी ‘सगा‘ नहीं,

खेल‘ जिसने समझा उसका

दगा‘ उसे हुआ नहीं……

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और, ‘चाण्डाल‘ तो ‘चाण्डाल‘ होते हैं…….

अपनी ‘रोजी–रोटी‘ के लालच–में,

दरिद्र‘ और ‘कंगाल‘ होते हैं…….

जितनी–जल्दी हो सके हर–किसी–को ‘लूटकर‘

उसी–का ‘अंतिम–संस्कार‘ भी करते हैं…..

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पप्पू‘ के ‘राजनितिक–भविष्य‘ का

अंतिम–संस्कार तो कभी–का ये कर चुके हैं……

देश–की ‘जनता‘ और उसकी ‘मिटटी‘ को ‘लूटकर‘

उसका ‘अंतिम–संस्कार‘ करने में भी

ना जाने कब–से लगे पड़े हैं………

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मगर, जब–जब इस–तरह के लोग

देश–की ‘मिटटी‘ और यहाँ–के लोगों–पर

बोझ‘ बनकर ‘भारी‘ पड़े हैं……

तब–तब ‘काल‘ और ‘चाण्डाल‘

तेरे ‘सर‘ पर खड़ा वह ‘महाकाल‘

भारी पड़े हैं…………….

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और, ऐसे लोगों–का ‘सफाया‘

देश की भोली–भाली ‘जनता‘

जो उस ‘छलिये‘ ‘काल‘ के द्वारा फैलाये

भ्रम‘ और ‘मायाजाल‘ में ‘फँसकर‘

चाण्डालों‘ द्वारा ‘सजाई‘ ‘चिता‘ पर

भक्त–प्रह्लाद‘ के समान

जीते–जी बैठकर भी नहीं कर सकी अगर तो,

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इस ‘चिता‘ की ‘चिंता‘ नहीं

होलिका–दहन‘ नज़दीक है,

महाकाल‘ को जो गले–लगा लो तो,

होलिका–दहन‘ भी

अबकी बार फिर ‘निश्चित‘ है….

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केजरी‘ अगर ‘काल‘

तो ‘मोदी‘ ‘महाकाल‘

पप्पू‘ तेरा ‘चप्पू‘ थामे

खड़ा ‘चाण्डाल‘…….

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काल‘ कभी हुआ नहीं

सगा‘ किसी–का,

सगा‘ जिसने समझा फिर

दिल ‘ठगा‘ उसी का…….

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दिल‘ ठगा ‘दिल्ली‘ ठगा,

अन्ना‘ को भी दिया ‘दगा‘

लुटा‘ अन्ना ‘पिटा‘ अन्ना

छेदा‘ उसके तल–को ऐसा,

अन्ना देखो ‘लुढ़का‘ कैसा

लोटा‘ बेचारा हुआ जो वह

बिना ‘पेंदी‘ का……..

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पप्पू‘ के भी

क्या जो कहने

गुरु‘ बनाया

जिसने

चाण्डालों‘ वाला

गुण था उसमे

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दिया कैसा ‘संस्कार‘

कदम बढ़ाने–से पहले–ही

हो–गया ‘अंतिम–संस्कार‘……

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इतिहास‘ गवाह है

काल‘ वह जब भी

सर–पे चढ़ा है

उसके रचाये

जाल–महाजाल‘ पर

महाकाल‘ ही तब–तब

भारी पड़ा है………..

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काल‘ और ‘चाण्डाल‘ देखो,

भारी तुझपर पड़े कैसे

मोदी ‘महाकाल‘

हुआ मोदी–महाकाल……..

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